पटना : रविवार रात जब बारिश की मोटी परतें गिरनी शुरू हुईं, तो शहरवासियों की चिंता एक बार फिर पुराने अनुभवों की तरफ लौट गई—कहीं वही घुटनों तक पानी, जाम होती सड़कें और घंटों की परेशानी तो नहीं दोहराएगी यह रात? लेकिन इस बार तस्वीर थोड़ी बदली हुई थी।
लगभग 12 घंटे की लगातार बारिश के दौरान जहां एक ओर मेघ थमे नहीं, वहीं दूसरी ओर PMC और बुडको की टीमें भी मैदान छोड़ने को तैयार नहीं दिखीं। शहर के कई निचले इलाकों में पानी जमा तो हुआ, लेकिन पहली बार ऐसा देखा गया कि जलनिकासी की प्रक्रिया बारिश के साथ ही शुरू हो चुकी थी।
सभी वार्डों में 19 टीमें थीं तैनात
रात के अंधेरे में भी जब कॉलोनियों के बाहर पानी भरने लगा, उसी वक्त क्विक रिस्पांस टीमों ने मोर्चा संभाल लिया। कुल 19 टीमें सभी वार्डों में तैनात थीं—जो न केवल लगातार जलनिकासी कर रही थीं, बल्कि संप हाउसों के वाटर लेवल की मॉनिटरिंग, पंपिंग मशीनों की जांच और वैकल्पिक व्यवस्थाओं को भी नियंत्रित कर रही थीं।
शहर के जिन इलाकों में हर साल जलजमाव स्थायी संकट की तरह लौटता है—जैसे राजेन्द्र नगर, करबिगहिया, मीठापुर, सब्जीबाग, दीघा, बाईपास और द्वारिकापुरी—वहां इस बार पानी अपेक्षाकृत जल्दी निकलता दिखाई दिया। नगर निगम (PMC) के अधिकारियों का कहना है कि जलनिकासी की पूरी व्यवस्था पहले से एक्टिव कर दी गई थी और सभी तीनों पालियों में कर्मचारी संप हाउस पर तैनात किए गए थे।

टोल फ्री नंबर 155304 पर करीब 207 शिकायतें हुईं प्राप्त
टोल फ्री नंबर 155304 पर सोमवार दोपहर तक करीब 207 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें सबसे अधिक पाटलिपुत्र कॉलोनी, कंकड़बाग और स्टेशन क्षेत्र से थीं। लेकिन जो बात विशेष रूप से नोट की गई, वो यह कि शिकायतों पर तुरंत प्रतिक्रिया मिली और अधिकतर मामलों में दो से तीन घंटे में जलनिकासी पूरी कर ली गई।
पिछले वर्षों में जहां एक हल्की बारिश भी शहर को पस्त कर देती थी, वहीं इस बार की स्थिति ने यह संकेत जरूर दिया कि नगर निगम (PMC) और बुडको (BUIDCO) ने अपनी रणनीति में कुछ बदलाव किए हैं। संप हाउसों पर CCTV से निगरानी, वॉकी-टॉकी से टीमों के बीच संवाद और वैकल्पिक पंपों की तत्परता—इन सबने मिलकर एक ऐसे सिस्टम की झलक दी जो सिर्फ ‘रिएक्ट’ नहीं कर रहा, बल्कि ‘प्रो-एक्टिव’ है।
हालांकि सवाल अपनी जगह कायम है—क्या यह सजगता एक दिन की थी या अब सिस्टम स्थायी रूप से बदला है? क्या हर बारिश के बाद पटना को यह राहत महसूस होगी, या यह सिर्फ एक ‘अच्छा संयोग’ था? मानसून का सफर अभी बाकी है, और आने वाले हफ्तों में ही यह साबित होगा कि यह सक्रियता कितनी टिकाऊ है।
फिलहाल नगर निगम (PMC) आम लोगों से अपील कर रहा है कि यदि उनके इलाके में कहीं जलजमाव की समस्या दिखे, तो वे सीधे 155304 पर संपर्क करें। दावा है कि शिकायत मिलने के कुछ घंटों के भीतर कार्रवाई होगी—और बीती रात की तरह, शहर फिर भीग सकता है लेकिन थम नहीं पाएगा।
बहुत हि सराहनीये कार्य कर रहे है निगम कर्मी
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