पूर्व सांसद और बिहार सरकार में मंत्री रह चुकीं रेणु कुशवाहा समेत कुशवाहा समाज के 10 प्रमुख नेताओं ने थामा RJD का दामन
पटना : बिहार की राजनीति में जातीय समीकरणों की बिसात पर एक नई चाल आगे बढ़ चुकी है। पूर्व सांसद और बिहार सरकार में मंत्री रह चुकीं रेणु कुशवाहा समेत कुशवाहा समाज के 10 प्रमुख नेताओं ने बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दामन थाम लिया। इस सियासी घटनाक्रम को जदयू-भाजपा के मजबूत लव-कुश समीकरण (कोईरी-कुर्मी वोटबैंक) में सेंधमारी की बड़ी कोशिश माना जा रहा है।

RJD प्रदेश कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने स्वयं रेणु कुशवाहा को पार्टी की सदस्यता दिलाई। उनके साथ पूर्व सांसद प्रत्याशी विजय सिंह कुशवाहा, राजीव रंजन कोईरी, जन अधिकार पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह कुशवाहा, मो. एहतेशामुल हक, सुरेंद्र सिंह यादव, चितरंजन कुमार, कामेश्वर सिंह कुशवाहा, वाल्मीकि और अन्य नेताओं ने भी राजद में शामिल होकर पार्टी को नया सामाजिक आधार देने का संदेश दिया।
रेणु कुशवाहा की वापसी: अनुभव और जनाधार का मिला संबल
तीन बार की विधायक और एक बार की सांसद रह चुकीं रेणु कुशवाहा की पहचान एक अनुभवी और प्रभावशाली नेता के रूप में रही है। 1999 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने जदयू के टिकट पर खगड़िया सीट से चुनाव जीतते हुए RJD नेता आर.के. राणा की पत्नी नैना राणा को हराया था। हालांकि, अगले चुनाव में आर.के. राणा ने अपनी हार का बदला भी लिया। रेणु ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत समता पार्टी से की थी और समय-समय पर भाजपा, जदयू और लोजपा में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं।

लव-कुश समीकरण पर चोट: RJD की रणनीति
राजनीतिक विश्लेषक इसे RJD की एक सटीक रणनीति मान रहे हैं, जिसका उद्देश्य लव-कुश समीकरण में दरार डालना है। यह समीकरण लंबे समय से जदयू-भाजपा का प्रमुख सामाजिक आधार रहा है। रेणु कुशवाहा जैसे चेहरों की एंट्री RJD को ना सिर्फ कोईरी समुदाय के वोटबैंक में पैठ बनाने में मदद कर सकती है, बल्कि आने वाले विधानसभा चुनावों में पिछड़े वर्गों के एकीकरण की नई लहर भी शुरू कर सकती है।
तेजस्वी यादव का संदेश: सामाजिक न्याय और सम्मान की बात
इस मौके पर तेजस्वी यादव ने कहा, “कुशवाहा समाज का RJD से जुड़ाव सामाजिक न्याय की विचारधारा को और मजबूती देगा। यदि कुशवाहा समाज एक कदम बढ़ेगा, तो तेजस्वी यादव चार कदम साथ चलेगा।” उन्होंने मंच से सामाजिक समरसता की बात करते हुए कहा कि हम एक ऐसा बिहार बनाना चाहते हैं जहां कोई भी अपमानित महसूस न करे।
तेजस्वी ने उत्तर प्रदेश के इटावा की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि अगर अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा या अति पिछड़ा समाज कथा सुनाना चाहे तो उसमें क्या समस्या है? ऐसे अपमान की घटनाएं मानवता को शर्मसार करती हैं। उन्होंने आगे कहा, “हम बिहार के सामंतवाद को खत्म करके दिल्ली के सामंतवाद को भी चुनौती देंगे।”

RJD का कुनबा और संदेश: मजबूत होता सामाजिक आधार
राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल की अध्यक्षता में हुए इस मिलन समारोह में पार्टी के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। आलोक कुमार मेहता, अभय कुशवाहा, संजय यादव, शक्ति सिंह यादव, बागी कुमार वर्मा, एजाज अहमद, प्रमोद कुमार सिन्हा, अरविंद कुमार सहनी आदि नेताओं ने इस आयोजन को राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन में बदल दिया।
2025 की तैयारी में जुटा राजद
राजद ने रेणु कुशवाहा समेत कुशवाहा समाज के 10 नेताओं को पार्टी में शामिल कर यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी अब केवल मुस्लिम-यादव समीकरण पर निर्भर नहीं रहना चाहती। तेजस्वी यादव एक व्यापक सामाजिक गठबंधन बनाकर 2025 विधानसभा चुनाव को अपने पक्ष में करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि कुशवाहा समाज की यह नई एंट्री निश्चित रूप से लव-कुश समीकरण में सेंधमारी की दिशा में बड़ा कदम है।
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