नई दिल्ली: आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक और रेबीज से हो रही मौतों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (11 जुलाई 2025) को एक अहम आदेश जारी किया। कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली-NCR से सभी आवारा कुत्तों को 8 सप्ताह के अंदर शेल्टर में रखने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को रिहायशी इलाकों से उठाकर शेल्टर होम में रखा जाए। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा है कि जो भी व्यक्ति या संगठन इसमें बाधा डालेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने यह आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि वह जनहित में यह कदम उठा रही है, इसलिए इसमें किसी भी तरह की भावनाओं को शामिल नहीं किया जाना चाहिए। फिलहाल नियमों को भूलकर, सभी कुत्तों को शहरी इलाकों से उठाकर शेल्टर होम में ले जाया जाए।
केवल केंद्र सरकार की दलीलें सुनी जाएंगी: SC
जस्टिस पारदीवाला ने कहा, “हम यह अपने लिए नहीं, बल्कि जनता के हित के लिए कर रहे हैं। इसलिए, किसी भी तरह की भावनाएं शामिल नहीं होनी चाहिए। कार्रवाई जल्द से जल्द की जानी चाहिए।” इस दौरान कोर्ट ने साफ कर दिया है कि इस विषय पर केवल केंद्र सरकार की दलीलें सुनी जाएंगी। अन्य किसी भी पक्ष की याचिका पर सुनवाई नहीं होगी।
अपने बच्चों की जान जोखिम में नहीं डाल सकते: तुषार मेहता
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले पर अपनी राय देते हुए कहा कि दिल्ली में कुत्तों को रखने के लिए पहले एक जगह चिन्हित की गई थी, लेकिन पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने उस पर रोक लगा दी थी। मेहता ने कोर्ट से कहा, “हम केवल कुछ पशु प्रेमियों के कारण अपने बच्चों की जान जोखिम में नहीं डाल सकते।”
शेल्टर होम को लेकर शीर्ष अदालत का निर्देश
कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि शेल्टर होम में पेशेवर लोग होने चाहिए, जो कुत्तों को संभाल सकें, उनकी नसबंदी और टीकाकरण कर सकें। इसके अलावा, वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी कुत्ता शेल्टर होम से भाग न पाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि शेल्टर होम में रखे गए किसी भी कुत्ते को गोद लेने की अनुमति नहीं होगी।
नागरिक प्राधिकरणों को टीम बनाने का भी अधिकार
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली सरकार हरकत में आ गई है और कहा कि वह इस आदेश को समय पर लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के नागरिक प्राधिकरणों (दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम) को तत्काल शेल्टर होम बनाने और कुत्तों को वहां रखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने नागरिक प्राधिकरणों को एक समर्पित टीम बनाने का भी अधिकार दिया है।
रेबीज वैक्सीन की उपलब्धता पर जताई चिंता
शीर्ष अदालत ने रेबीज वैक्सीन की उपलब्धता पर भी चिंता जताई है। साथ ही दिल्ली सरकार को यह निर्देश दिया है कि वह उन जगहों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराए जहां वैक्सीन उपलब्ध है, वैक्सीन का स्टॉक कितना है और हर महीने कितने लोग इलाज के लिए आते हैं।
रेबीज से हर साल करीब 60 हजार लोगों की हो रही मौत
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जनवरी से जून के बीच दिल्ली में रेबीज के 49 मामले सामने आए। साथ ही 35,198 जानवरों के काटने की घटनाएं भी हुई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में रेबीज से हर साल करीब 60 हजार लोगों की मौत होती है, जिनमें से 36 प्रतिशत मौत सिर्फ भारत में होती हैं। डब्लूएचओ के ये आकड़े परेशान करने वाले हैं।
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