नई दिल्ली: रूस के सुदूर पूर्वी कमचटका प्रायद्वीप के तट पर मंगलवार रात 11:24 बजे (GMT) 8.8 तीव्रता का भीषण भूकंप आया, जिसने प्रशांत क्षेत्र में हलचल मचा दी है। इस शक्तिशाली भूकंप के बाद प्रशांत महासागर के कई हिस्सों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) का कहना है कि भूकंप के तीन घंटे के भीतर रूस और जापान के तटीय इलाकों में विनाशकारी सुनामी लहरें पहुंच सकती हैं। इसलिए इन इलाकों के लोगों से ऊंचे स्थानों पर जाने और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।

प्रशांत तटीय क्षेत्रों पर निगरानी जारी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “प्रशांत महासागर में आए भीषण भूकंप के कारण हवाई में सुनामी की चेतावनी दी गई है। अलास्का और अमेरिका के प्रशांत तटीय क्षेत्रों पर निगरानी जारी है। जापान भी खतरे में है।” उन्होंने लोगों से tsunami.gov पर जाकर अपडेट लेने और सतर्क रहने की अपील की।
सुरक्षित स्थानों की तरफ रवाना हो रहे लोग
इधर, भीषण भूकंप के बाद कमचटका क्षेत्र में कई इमारतों में दरारें पड़ने और फर्नीचर हिलने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। कुछ इलाकों में इमारतों और आधारभूत ढांचे को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, नुकसान का पूरा आकलन अभी नहीं हो पाया है। लोगों में दशहत का माहौल है और कई परिवार अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तरफ रवाना हो गए हैं। रूस और उसके पड़ोसी देशों में आपातकालीन सेवाएं हाई अलर्ट पर हैं।

1952 के बाद इस क्षेत्र का सबसे ताकतवर भूकंप
भूकंप के बाद आने वाले झटकों की भी आशंका जताई जा रही है। कमचटका के तट पर आज दिनभर में कम से कम छह भूकंप दर्ज किए गए, जिनकी तीव्रता 5.4 से 6.9 के बीच थी, जो उस 8.8 तीव्रता वाले भूकंप से कम शक्तिशाली थे। इस शक्तिशाली भूकंप के बाद जापान, अमेरिका, न्यूज़ीलैंड, फिलीपींस, इक्वाडोर और हवाई जैसे क्षेत्रों में समुद्र तटों पर सुनामी के खतरे की घंटी बज रही है। USGS के मुताबिक, यह 1952 के बाद इस क्षेत्र का सबसे ताकतवर भूकंप है।
इस क्षेत्र में अक्सर होते हैं ज्वालामुखी विस्फोट
कमचटका क्षेत्र भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है, क्योंकि यह “प्रशांत रिंग ऑफ फायर” पर स्थित है। यह वह इलाका है जहां टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल के कारण अक्सर भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट होते रहते हैं। फिलहाल स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने, सिर्फ आधिकारिक और भरोसेमंद स्रोतों से ही जानकारी लेने की अपील की गई है।
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