Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो (Venezuelan politician Maria Corina Machado) को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया। नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने शुक्रवार को ओस्लो में विजेता के नाम की घोषणा की। मारिया कोरिना मचाडो को वेनेज़ुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने व तानाशाही के खिलाफ उनके संघर्ष के लिए यह शांति पुरस्कार देने का फैसला किया गया।
विजेता को लगभग 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग 1.17 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का नकद पुरस्कार, एक डिप्लोमा और एक पदक मिलेगा। नॉर्वेजियन नोबेल समिति द्वारा प्रदान किए जाने वाले इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए इस वर्ष 338 नामांकन प्राप्त हुए हैं, जिनमें 244 व्यक्ति और 94 संगठन शामिल हैं।
नॉर्वेजियन नोबेल संस्थान की पांच सदस्यीय नॉर्वेजियन नोबेल समिति के अध्यक्ष जोर्गेन वाटने फ्राइडनेस ने विजेता की आधिकारिक घोषणा की। इस समिति में पांच सदस्य हैं, जिनमें मानवाधिकार अधिवक्ता जोर्गेन वाटने फ्राइडनेस इसके अध्यक्ष हैं, जबकि विदेश नीति के विशेषज्ञ असले तोजे, पूर्व कार्यवाहक प्रधानमंत्री ऐनी एंगर, पूर्व शिक्षा मंत्री क्रिस्टिन क्लेमेट और पूर्व विदेश सचिव ग्री लार्सन इसके सदस्य हैं।
कौन हैं मारिया कोरिना मचाडो?
वेनेज़ुएला में विपक्ष की पूर्व राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मचाडो एक लोकतांत्रिक अधिकार कार्यकर्ता हैं। नॉर्वेजियन नोबेल समिति के अध्यक्ष जोर्गेन वाटने फ्राइडनेस ने कहा कि उन्हें “एक ऐसे राजनीतिक विपक्ष में एक प्रमुख और एकजुट करने वाली हस्ती होने के लिए सराहा गया, जो कभी गहराई से विभाजित था। एक ऐसा विपक्ष जिसने स्वतंत्र चुनाव और प्रतिनिधि सरकार की मांग में समान आधार पाया।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद को बताया था सबसे बड़ा दावेदार
नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने इस समय वेनेजुएला पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है। हालांकि, यह वर्ष अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बार-बार सार्वजनिक बयानों के कारण चर्चा में रहा है। ट्रंप ने कई बार सार्वजनिक मंचों से यह कहा है कि वे नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं। उनका दावा है कि दुनिया में शांति कायम करने के उनके प्रयासों को सराहा जाना चाहिए।
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