नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Former Bangladesh PM Sheikh Hasina) को अदालत की अवमानना के मामले में छह महीने जेल की सजा सुनाई गई है। ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ITC) ने बुधवार को यह सजा सुनाई है। ITC ने हसीना और एक स्थानीय नेता शकील बुलबुल के बीच हुई फोन बातचीत की जांच करने के बाद यह फैसला सुनाया है।
यह बातचीत पिछले साल सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी, जिसे तब कई अखबारों ने भी छापा था। इस कथित ऑडियो क्लिप में शेख हसीना (Sheikh Hasina) को यह कहते हुआ सुना गया कि उनके खिलाफ 227 मुकदमे दर्ज हैं, इसलिए उन्हें 227 लोगों को मारने का लाइसेंस मिल गया है।

बातचीत में शामिल बुलबुल को भी दो महीने जेल की सजा
वायरल ऑडियो क्लिप में शेख हसीना (Sheikh Hasina) की बातों को अदालत ने बहुत गंभीर माना और कहा कि यह बयान अदालत का अपमान करने और न्याय को कमजोर करने की कोशिश है। बातचीत में शामिल बुलबुल को भी दो महीने जेल की सजा दी गई है। बुलबुल ढाका की एक राजनीतिक हस्ती हैं। वह अवामी लीग की छात्र शाखा बांग्लादेश छात्र लीग (BCL) से जुड़ी थीं.
राष्ट्रव्यापी विरोध के बाद भारत आ गई थीं हसीना
गौरतलब है कि यह पहली बार है जब अपदस्थ अवामी लीग की लीडर शेख हसीना (Sheikh Hasina) को करीब एक साल पहले देश छोड़कर भागने के बाद किसी मामले में सजा सुनाई गई है। बांग्लादेश में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन और अवामी लीग सरकार के गिरने के बाद पिछले साल 5 अगस्त को शेख हसीना ने पद छोड़ दिया था और उसके तुरंत बाद विशेष विमान से भारत पहुंचीं थीं। तब से वह नई दिल्ली में ही रह रही हैं।
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