बक्सर के कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा (Chandan Mishra) की पटना के पारस अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। गुरुवार की सुबह पांच की संख्या में आए हथियारबंद शूटर्स ने इस वारदात को अंजाम दिया। वे बेखौफ अस्पताल के प्राइवेट रूम नंबर 209 में घुसे और एक मिनट में 12 गोलियां दाग दी और फरार हो गए। इस घटना में चंदन की मौके पर ही मौत हो गई। इसका सीसीटीवी फुटेज सामने आया है।
चंदन मिश्रा 15 जुलाई की सुबह राजा बाजार स्थित पारस एचएमआरआई अस्पताल में एडमिट हुआ था। उसी दिन उसका फिस्टुला का ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद चंदन मिश्रा को प्राइवेट वार्ड के कमरा नंबर 209 में शिफ्ट कर दिया गया था। बताया जा रहा है कि चंदन मिश्रा को 16 जुलाई को ही अस्पताल से डिस्चार्ज की सलाह दी गई थी, लेकिन उसके अटेंडर ने गुरुवार को अस्पताल से ले जाने की बात कही थी। 18 जुलाई को चंदन का पैरोल खत्म हो रहा था।

पहले से ऐलान कर हत्या करता था अपराधी
कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा बक्सर का रहने वाला था। पुलिस के अनुसार, उसपर 10 से ज्यादा हत्या के आरोप हैं। लूट और अपहरण कर फिरौती, धमकाकर उगाही करना उसका क्राइम पैटर्न था। वो पहले से ऐलान कर हत्या जैसे वारदात कर चुका था। बक्सर के ही प्रसिद्ध चूना व्यवसायी को उसने दिनदहाड़े ऐलान करके गोली मारी थी। रंगदारी ना देने पर पहले ऐलान किया था कि ‘कल मारेंगे’। उसके बाद व्यवसायी की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में उसका दोस्त शेरू सिंह भी शामिल था।

बेऊर जेल में बंद था चंदन मिश्रा
साल 2011 में ही रंगदारी नहीं देने पर चूना व्यवसायी राजेंद्र केसरी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या मामले में राजेंद्र के परिवार ने शेरू सिंह और चंदन मिश्रा समेत कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने शेरू सिंह और चंदन मिश्रा को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी। शेरू सिंह को निचली अदालत ने फांसी की सजा दी थी, जिसे हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास में बदल दिया था। इसी केस में चंदन मिश्रा पहले बक्सर जेल में बेद था, जिसे पहले भागलपुर और फिर पटना के बेऊर जेल में शिफ्ट किया गया था।
पूरे शाहाबाद में शेरू-चंदन गैंग का खौफ था
बता दें कि बक्सर-आरा सहित पूरे शाहाबाद में शेरू-चंदन गैंग का खौफ था। दोनों ने मिलकर सितंबर 2009 में सिमरी में अनिल सिंह की हत्या की थी। मार्च 2011 में बक्सर औद्योगिक थाना क्षेत्र में पूर्व मुखिया मो. नौशाद की हत्या के बाद इलाके में शेरू-चंदन गैंग के नाम का टेरर हो गया। हालांकि, बाद में कुछ पैसों और अन्य मामलों को लेकर दोनों में विवाद हो गया और दोनों अलग हो गए थे। इसके बाद शेरू ने अपना गैंग बना लिया था। फिलहाल पुलिस सूत्रों का मानना है कि शेरू गैंग ने ही चंदन मिश्रा की हत्या को अंजाम दिया है।
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