पटना : उर्दू भाषा, साहित्य और पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान देने वाले हस्तियों को बुधवार को पटना स्थित राजकीय उर्दू पुस्तकालय में आयोजित भव्य समारोह में सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ‘गवर्नमेंट उर्दू लाइब्रेरी लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ समेत कई पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनका उद्देश्य उर्दू साहित्य, शायरी और निष्पक्ष पत्रकारिता को बढ़ावा देना है।
साहित्य, शायरी और शोध में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मान
समारोह में मौलाना अबुल कलाम कासमी शम्सी, शमीम कासमी, इजाज रसूल और शकील सहसरामी को कविता और साहित्य में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया। इसके अलावा, प्रसिद्ध इस्लामिक विद्वान मुफ्ती सना-उल-हुदा कासमी को भी उर्दू साहित्य में उनके विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया, हालांकि वे व्यक्तिगत कारणों से समारोह में शामिल नहीं हो सके। शायर शकील सहसरामी की खराब तबीयत के चलते उनका पुरस्कार उनके बेटे मुहम्मद फैसल ने ग्रहण किया।

उर्दू पत्रकारिता और साहित्य के अन्य क्षेत्रों में भी सम्मान
उर्दू में निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए इमरान सगीर तथा उर्दू पत्रकारिता में विशिष्ट सेवाओं के लिए मुहम्मद शाहिद इकबाल को सम्मानित किया गया। वहीं, उर्दू शायरी और साहित्य में विशेष योगदान के लिए निकहत आरा, आराधना प्रसाद और शमा कौसर शमा को भी पुरस्कृत किया गया। साथ ही, डॉ. इशरत सुबोही को उर्दू आलोचना, शोध और शिक्षण में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए गवर्नमेंट उर्दू लाइब्रेरी पुरस्कार प्रदान किया गया।

पुस्तकालय में नई ऊर्जा : अरशद फिरोज
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार राज्य विद्युत् विनियामक आयोग के चेयरमैन आमिर सुबहानी ने की। उन्होंने सभी सम्मानित व्यक्तित्वों को प्रशस्ति पत्र, नकद राशि और स्मृति चिन्ह प्रदान किए। इस अवसर पर स्वागत भाषण देते हुए सरकारी उर्दू लाइब्रेरी के सचिव अरशद फिरोज ने कहा कि पुस्तकालय ने इन पुरस्कारों की शुरुआत उर्दू भाषा, साहित्य, शायरी और पत्रकारिता में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की है। उन्होंने कहा कि उर्दू हमारी साझा विरासत है, जिसे सहेजना और बढ़ावा देना हम सबकी जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता का उल्लेख
समारोह में मुख्य अतिथि बिहार (Bihar) राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अल्हाज मुहम्मद इरशादुल्लाह ने कहा कि अरशद फिरोज ने सरकारी उर्दू लाइब्रेरी में नई जान फूंक दी है। उन्होंने बताया कि हाल ही में पुस्तकालय भवन का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया था, जो उर्दू के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का परिचायक है।

साहित्यकारों और शिक्षाविदों की मौजूदगी
इस अवसर पर प्रो. आलीमुल्लाह हाली और अश्फाक रहमान ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम का मंच संचालन शादमा हसन ने किया। समारोह में साहित्य, पत्रकारिता, शिक्षा और समाजसेवा से जुड़े कई प्रमुख लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में पुस्तकालय प्रबंधन की ओर से यह संकल्प लिया गया कि आगे भी ऐसे आयोजन कर उर्दू भाषा, साहित्य और पत्रकारिता में सक्रिय लोगों को सम्मानित किया जाता रहेगा।
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