पटना : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने मई महीने की जिलों की राजस्व कार्यों पर आधारित Ranking जारी कर दी है। इस बार भी बांका जिला प्रदेश में पहले स्थान पर बना हुआ है। लगातार दूसरे महीने बांका ने टॉप पर अपनी Ranking बरकरार रखते हुए अन्य जिलों के लिए मिसाल पेश की है। वहीं, शेखपुरा जिला भी अपनी दूसरी रैंकिंग पर स्थिर बना हुआ है।
इस बार सबसे बड़ी छलांग औरंगाबाद जिले ने लगाई है, जिसने पिछले महीने की सातवीं रैंकिंग (Ranking) से उछलकर तीसरे स्थान पर कब्जा कर लिया है। इसी तरह समस्तीपुर और मुंगेर जैसे जिलों ने भी शानदार सुधार करते हुए अपनी रैंकिंग (Ranking) में उल्लेखनीय बढ़त हासिल की है।
पूर्वी चंपारण की Ranking में गिरावट, सिवान ने दिखाई मजबूती
जहां कई जिलों ने अपनी Ranking में सुधार किया है, वहीं कुछ जिलों को झटका भी लगा है। पूर्वी चंपारण जिला, जो पिछले महीने तीसरे स्थान पर था, इस बार गिरकर आठवें स्थान पर पहुंच गया है। वहीं सिवान ने दसवें से छलांग लगाकर छठा रैंक हासिल की है, जो प्रशासनिक कार्यप्रणाली में आई तेजी का संकेत देता है।
बक्सर जिला पांचवें से चौथे स्थान पर पहुंचा है, जबकि जहानाबाद को पांचवें स्थान से खिसककर इस बार पांचवें स्थान पर ही संतोष करना पड़ा है। अरवल और कैमूर जिलों की रैंकिंग में मामूली गिरावट दर्ज हुई है।

समस्तीपुर ने लगाई लंबी छलांग, मुंगेर ने भी सुधारी स्थिति
समस्तीपुर जिला अपनी पिछली 21वीं Rank से लंबी छलांग लगाकर टॉप-10 में शामिल हो गया है। इस महीने समस्तीपुर 10वीं Rank पर पहुंच गया है, जो प्रशासनिक दक्षता का बड़ा उदाहरण माना जा रहा है। वहीं, मुंगेर जिले ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 26वीं रैंक से 17वें स्थान पर जगह बनाई है।
प्रथम 10 जिले –
1. बांका (77.01)
2. शेखपुरा (73.86)
3. औरंगाबाद (69.68)
4. बक्सर (67.16)
5. जहानाबाद (65.36)
6. सिवान (64.95)
7. अरवल (64.83)
8. पूर्वी चंपारण (64.49)
9. कैमूर (64.35)
10. समस्तीपुर (63.28)
अंतिम 10 जिलों की Ranking चिंताजनक
जिन जिलों की Ranking लगातार खराब बनी हुई है, उनमें गयाजी, कटिहार, सहरसा, खगड़िया, भागलपुर, अररिया, सारण, पटना, लखीसराय और रोहतास शामिल हैं। पटना जिला, जो राजधानी है, उसकी रैंकिंग 49.54 अंकों के साथ निचले पायदान पर बनी हुई है, जो विभाग के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
अंतिम 10 जिले –
1. गयाजी (54.25)
2. कटिहार (54.04)
3. सहरसा (53.80)
4. खगड़िया (51.33)
5. भागलपुर (51.30)
6. अररिया (50.67)
7. सारण (50.47)
8. पटना (49.54)
9. लखीसराय (49.43)
10. रोहतास (46.90)

कैसे तय होती है जिलों की Ranking
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिलों की रैंकिंग तय करने के लिए आठ मानकों को आधार बनाया जाता है। इनमें दाखिल-खारिज का पर्यवेक्षण (25 अंक), परिमार्जन प्लस की निगरानी (25 अंक), अभियान बसेरा-2 की स्थिति (20 अंक), आधार सीडिंग (05 अंक), विभिन्न न्यायालयों {एडीएम (2.5 अंक), डीसीएलआर (2.5 अंक), डीएम (10 अंक)} में मामलों का निष्पादन और ई-मापी (10 अंक) की प्रगति शामिल है। इन सभी कार्यों के आधार पर जिलों को 100 अंकों में मूल्यांकन कर रैंकिंग दी जाती है।

मंत्री ने कहा – Ranking से बढ़ी प्रतिस्पर्धा, दोषियों पर हो रही कार्रवाई
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने कहा, “लगातार Ranking जारी होने से जिलों के बीच सकारात्मक प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। विभागीय टीम द्वारा जिलों में जाकर समीक्षा की जा रही है। जिन जिलों की रैंकिंग लगातार खराब आ रही है, वहां संबंधित अधिकारियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जा रही है।”
उन्होंने यह भी कहा, “जनता के कार्यों में तेजी लाने के लिए विभाग प्रतिबद्ध है। रैंकिंग के जरिए न सिर्फ प्रदर्शन का आंकलन होता है, बल्कि कमजोरियों की पहचान कर सुधार की दिशा में ठोस पहल भी होती है।”
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