गर्मी की छुट्टी के बाद पहली बार इतनी बेहतर उपस्थिति, बच्चों ने खुलकर रखी मन की बात
पटना : बिहार में इस बार गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल (School) खुलते ही बच्चों के चेहरे पर एक अलग ही चमक देखने को मिली। 23 जून से 27 जून तक राज्य के सभी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में आयोजित हुए ‘स्वागत सप्ताह’ ने बच्चों के स्कूल (School) से जुड़ाव को नई ऊर्जा दी। शिक्षा विभाग (Education Department) की इस पहल ने स्कूल (School) को बच्चों के लिए पढ़ाई (Study) का बोझ नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक और आनंददायक अनुभव बना दिया।
इस अभियान के तहत बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ विद्यालय (School) में वापसी की। अभिभावक, शिक्षक और छात्र सभी ने मिलकर इसे सफल बनाया। सबसे खास बात यह रही कि छुट्टियों के बाद पहली बार स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति अब तक की सबसे बेहतर रही।

5 दिनों का आयोजन, हर दिन कुछ खास अनुभव
शिक्षा विभाग ने इस ‘स्वागत सप्ताह’ को बच्चों के लिए रोचक और उपयोगी बनाने के लिए हर दिन को अलग नाम और उद्देश्य दिया। बच्चों ने इन गतिविधियों का भरपूर आनंद उठाया और शिक्षा (Education) के प्रति उनकी रुचि और गहरी हुई।
दिवस 1: गर्मी छुट्टी एक्सप्रेस — 23 जून
पहले दिन स्कूल (School) को रंग-बिरंगे पोस्टरों और चित्रों से सजाया गया। शिक्षक बच्चों का तिलक, हाथ मिलाकर और हाई-फाइव देकर स्वागत किया। कक्षाओं में संवाद के माध्यम से बच्चों ने अपनी छुट्टियों के अनुभव साझा किए। इससे बच्चों को अपनापन और सहजता महसूस हुई।

दिवस 2: गृहकार्य एक्सप्रेस — 24 जून
दूसरे दिन बच्चों द्वारा गर्मी की छुट्टी में किए गए गृहकार्य का मूल्यांकन किया गया। कक्षा 1 से 3 तक के बच्चों ने चित्र बनाकर अपने काम को प्रदर्शित किया, वहीं कक्षा 4 से 8 तक के बच्चों ने “मेरा गृहकार्य, मेरी जिम्मेदारी” विषय पर समूह में कहानी प्रस्तुत की। अच्छा प्रदर्शन करने वालों को कक्षा में सम्मानित किया गया।

दिवस 3: गणित एक्सप्रेस — 25 जून
तीसरे दिन खेल-खेल में गणित सीखने की गतिविधियां कराई गईं। शिक्षक मौखिक प्रश्न पूछकर बच्चों का गणितीय ज्ञान परखते रहे। बेहतरीन उत्तर देने वालों को पहचान दी गई, जिससे बच्चों का गणित के प्रति आत्मविश्वास बढ़ा।
दिवस 4: रीडिंग एक्सप्रेस — 26 जून
इस दिन बच्चों ने हिंदी के एक अध्याय का सामूहिक वाचन किया। कुछ बच्चों ने व्यक्तिगत रूप से भी अपनी पढ़ने की क्षमता का प्रदर्शन किया। उत्कृष्ट वाचन करने वाले विद्यार्थियों को श्यामपट्ट पर नाम लिखकर प्रोत्साहित किया गया।

दिवस 5: स्वागत सप्ताह एक्सप्रेस — 27 जून
अंतिम दिन विद्यालय (School) में विशेष आयोजन किया गया, जिसमें अभिभावकों को भी आमंत्रित किया गया। प्रधानाध्यापक ने नवपदस्थापित शिक्षकों का स्वागत किया और अभिभावकों को बच्चों की उपस्थिति, गृहकार्य और प्रदर्शन की जानकारी दी। सप्ताह भर में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को ‘स्वागत सप्ताह धावक’ का बैच पहनाकर सम्मानित किया गया।

बच्चों ने स्कूल में पाई अपनेपन की अनुभूति
शिक्षा विभाग के अनुसार, इस बार बच्चों में स्कूल को लेकर जो उत्साह देखा गया, वह प्रेरणादायक रहा। बच्चों ने खुलकर अपने अनुभव साझा किए, खेल-खेल में पढ़ाई की और स्कूल (School) से दोबारा जुड़ने में सहज महसूस किया। यह पहल बच्चों के मानसिक और शैक्षणिक विकास के लिए सकारात्मक रही।

अभिभावकों, शिक्षकों और बच्चों के बीच संवाद हुआ मजबूत
बिहार के स्कूलों (School) में आयोजित ‘स्वागत सप्ताह’ ने यह साबित कर दिया कि अगर बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई से जोड़ा जाए और विद्यालय को बोझ नहीं बल्कि आनंद का केंद्र बनाया जाए, तो उनकी उपस्थिति और मनोबल में जबरदस्त सुधार आता है।
इस बार गर्मी की छुट्टियों के बाद बच्चों की जिस तरह से रिकॉर्डतोड़ उपस्थिति दर्ज हुई और उन्होंने शिक्षकों के साथ खुलकर संवाद किया, वह शिक्षा व्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है।
‘स्वागत सप्ताह’ की यह पहल न सिर्फ पढ़ाई (Study) में रुचि जगाने वाली रही, बल्कि स्कूल को बच्चों के लिए एक भरोसेमंद, आत्मीय माहौल देने वाली साबित हुई। शिक्षा विभाग का यह प्रयास आने वाले समय में भी बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में मील का पत्थर बन सकता है।
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