पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी के तहत मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया का पहला चरण शुक्रवार को समाप्त हो गया। निर्वाचन आयोग के अनुसार राज्य के करीब 35 लाख मतदाता या तो स्थायी रूप से पलायन कर गए हैं या उनका कोई अता-पता नहीं चल सका है।
विदित हो कि राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 7.90 करोड़ है, जिनमें से अब तक निर्वाचन आयोग को 7.23 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं और उन्हें डिजिटल रूप में सुरक्षित किया जा चुका है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, ये सभी मतदाता आगामी 1 अगस्त को जारी होने वाली ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल रहेंगे।
99.8% मतदाता हुए SIR प्रक्रिया में शामिल
निर्वाचन आयोग की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 99.8 प्रतिशत मतदाता इस पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) में भागीदारी कर चुके हैं। वहीं, 1.2 लाख मतदाताओं के गणना फॉर्म अभी भी प्राप्त नहीं हो सके हैं, जिनका कार्य एक अगस्त तक पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है।
मृतक और दोहरी प्रविष्टियों की पहचान
SIR के पहले चरण में राज्यभर के बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) और बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) के माध्यम से 22 लाख ऐसे मतदाताओं की सूचना दी गई है, जिनका निधन हो चुका है, जबकि करीब 7 लाख मतदाता ऐसे पाए गए हैं, जो एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत हैं। इन मामलों को भी 1 अगस्त तक के भीतर अंतिम ड्राफ्ट सूची में सुधार के साथ जोड़ा जाएगा।
सभी दलों को दी गई जानकारी, अब दावा-आपत्ति का मौका
जो मतदाता स्थायी रूप से पलायन कर चुके हैं, मृत हो चुके हैं या जिनकी जानकारी अधूरी है—ऐसे नामों की सूची 20 जुलाई को निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य के 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ साझा कर दी गई है, ताकि वे ड्राफ्ट सूची के प्रकाशन से पहले इन पर संज्ञान ले सकें।
1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावा-आपत्ति की प्रक्रिया
आयोग ने स्पष्ट किया है कि 1 अगस्त को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद 1 सितंबर तक कोई भी नागरिक या राजनीतिक दल प्रपत्र भरकर निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी के समक्ष दावा या आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। इसमें यदि कोई पात्र मतदाता छूट गया हो तो उसका नाम जोड़ा जा सकता है और यदि कोई अपात्र नाम शामिल हो गया हो तो उसे हटाने की प्रक्रिया की जा सकती है।
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