सासाराम: बिहार के सासाराम स्थित जिला परिवहन कार्यालय रोहतास में सरकारी राजस्व के 2.20 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया है। इस घोटाले का खुलासा हाल ही में आई महालेखाकार (CAG) की रिपोर्ट से हुआ है, जिसके बाद परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया। रिपोर्ट के अनुसार, विभाग के चार कर्मचारियों ने एमवी टैक्स और ई-चालान से एकत्रित राशि को सरकारी खजाने में जमा करने के बजाय गबन कर लिया।
सीएजी रिपोर्ट की सूचना मिलते ही जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO) रामबाबू ने चारों कर्मचारियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा। हालांकि, तय समय सीमा में कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद डीटीओ ने विभागीय निर्देश पर नगर थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई। आरोपितों में डाटा एंट्री ऑपरेटर अक्षय कुमार, अजय कुमार, अनिल कुमार और एक प्रोग्रामर अनिल कुमार शामिल हैं।

ई-चालान व एमवी टैक्स की राशि सरकारी खजाने में नहीं किए जमा
इस पूरे मामले की जांच में सामने आया है कि डाटा एंट्री ऑपरेटर अक्षय और अजय ने कुल 1.75 करोड़ रुपये का गबन किया, जबकि अनिल कुमार (डाटा एंट्री ऑपरेटर) और अनिल कुमार (प्रोग्रामर) पर लगभग 55 लाख रुपये के गबन का आरोप है। सभी आरोपितों ने ई-चालान और एमवी टैक्स की वसूली तो की, लेकिन उसे सरकारी खजाने में जमा नहीं किया।
चारों कर्मचारियों का हो चुका है स्थानांतरित
सूचना सार्वजनिक होने के बाद नगर थाना की पुलिस ने मंगलवार को डीटीओ कार्यालय पहुंचकर पूछताछ की। हालांकि, अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, क्योंकि चारों कर्मचारी वर्तमान में स्थानांतरित हो चुके हैं। तत्कालीन डाटा एंट्री ऑपरेटर अक्षय कुमार फिलहाल परिवहन कार्यालय भभुआ (कैमूर) में कार्यरत है, जबकि अजय कुमार, परिवहन कार्यालय भोजपुर (आरा) में तैनात है।
सरकारी राजस्व की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
गबन का यह मामला न सिर्फ सरकारी राजस्व की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि तकनीकी व्यवस्था होने के बावजूद काम में लापरवाही और जवाबदेही में कितनी बड़ी चूक हो रही है। फिलहाल इस गबन में पूर्व और वर्तमान डीटीओ सहित अन्य कर्मियों की संलिप्तता की आशंका भी जताई जा रहा है।
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