पटना : बिहार में चुनावी हलचल तेज हो गई है। इस माहौल में सरकार लगातार जनता के हित में फैसले ले रही है। इसी कड़ी में राज्य के लाखों उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने की घोषणा की गई है। यह पिछले दो महीनों में नीतीश सरकार की दूसरी बड़ी घोषणा है। इसे केवल राहत नहीं, बल्कि आगामी चुनावों के मद्देनज़र एक अहम रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
100 यूनिट बिजली मुफ्त पर वित्त विभाग की मुहर, कैबिनेट की स्वीकृति बाकी
सरकार की इस घोषणा के तहत ऊर्जा विभाग ने योजना का प्रारूप तैयार कर लिया है, जिसे वित्त विभाग से अनुमोदन भी मिल चुका है। अब बस कैबिनेट की मंजूरी का इंतज़ार है। माना जा रहा है कि अगली कैबिनेट बैठक में यह प्रस्ताव पेश किया जाएगा, और स्वीकृति मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
बताते चलें कि योजना लागू होते ही प्रत्येक परिवार को घरेलू उपयोग के लिए 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी। यदि कोई उपभोक्ता इससे अधिक बिजली खर्च करता है, तो अतिरिक्त यूनिट का भुगतान करना होगा। इस प्रकार का निर्णय राज्य के मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है।
किसानों को भी मिल सकती है इस योजना का लाभ
यदि सूत्रों की मानें तो कृषि एवं कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी इस योजना का लाभ मिल सकता है। इस पर सरकार विचार कर रही है। बिजली दरों की बात करें तो शहरी क्षेत्रों में वर्तमान दर प्रति यूनिट 7.57 रुपये है। इस योजना के लागू होने से उपभोक्ताओं को मासिक रूप से 750 रुपये तक की बचत हो सकती है।
चुनाव के पहले दोहरा तोहफा- पेंशन बढ़ोतरी के बाद अब बिजली में छूट
उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पेंशन की राशि प्रतिमाह 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये किया गया है। जिसे 11 जुलाई को 1227.27 करोड़ रुपये की राशि 1.11 करोड़ लाभार्थियों के खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजी गई।
विपक्ष का पलटवार: सरकार कर रही है नकल?
इस तरह की घोषणाओं से बिहार का चुनावी माहौल और अधिक गरमाने लगा है। जहां सत्ता पक्ष जनहित में फैसले लेकर आगे बढ़ रहा है, वहीं विपक्ष इन कदमों को अपनी नीतियों की नकल करार दे रहा है। विपक्ष का कहना है कि सरकार जो घोषणाएं वर्तमान में कर रही है, उनकी नींव पहले ही विपक्ष द्वारा रखी जा चुकी है।
चुनावी स्टंट या जनहित की योजना?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनावी समय में सरकार की ऐसी घोषणाएं एक ओर जहां चुनावी स्टंट प्रतीत होती हैं, वहीं दूसरी ओर उनमें जनहित की वास्तविकता भी छिपी है। उनका तर्क है कि भले ही ये घोषणाएं चुनावी रणनीति का हिस्सा हों, लेकिन जनता को इनसे सीधा लाभ मिल रहा है।
फिर चाहे बात पेंशन बढ़ोतरी की हो या 100 यूनिट मुफ्त बिजली की योजना की — हर स्थिति में लाभार्थी आम जनता ही है।
[…] बिहार में 100 यूनिट बिजली मुफ्त की घोषणा… […]