नई दिल्ली: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के छात्र नेता सुजीत पासवान ने विश्वविद्यालय में चल रहे विभिन्न छात्रहित से जुड़े मुद्दों को लेकर एक अहम पहल की है। सुजीत के नेतृत्व में BHU के छात्र प्रतिनिधियों की एक टीम दिल्ली पहुंची और यहां देश के कई सांसदों से मुलाकात कर छात्रों की समस्याओं से अवगत कराया।
BHU डेलीगेशन की टीम ने दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना देने की भी योजना बनाई थी, ताकि छात्रों की आवाज़ को सार्वजनिक रूप से उठाया जा सके। हालांकि, दिल्ली प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के कारण यह प्रदर्शन स्थगित करना पड़ा।
छात्रों की समस्याएं नहीं सुनी गई तो होगा बड़ा आंदोलन
इस संबंध में छात्र नेता सुजीत पासवान ने कहा, “हम छात्रों की समस्याओं को संसद के दरवाजे तक ले गए हैं। हम कोई राजनीतिक स्वार्थ नहीं बल्कि छात्र हित की बात कर रहे हैं। अगर हमारी बातें नहीं सुनी गईं, तो हम देशभर के विश्वविद्यालयों के छात्रों को जोड़कर एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे।”
BHU में छात्रों को सुविधाओं का अभाव
छात्र नेता सुजीत पासवान ने बताया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल और ट्रामा सेंटर के भ्रष्टाचार एवं अनियमितताएं चरम पर हैं। यहां छात्रावास की कमी है। साथ ही लैब्स, स्टूडियो, डिजिटल रिसोर्सेज और छात्रों को सुविधाओं का अभाव है। नई शिक्षा नीति में छात्रों की भागीदारी और आरक्षण नीति के सही क्रियान्वयन के बारे में भी उन्होंने विस्तार से बता की।
किशनगंज से निकलकर BHU में छात्रों की आवाज बन रहे सुजीत
सुजीत पासवान बिहार के किशनगंज जिले के रहने वाले हैं, जो BHU के छात्रों के डेलीगेशन का नेतृत्व कर रहे हैं। BHU के कई छात्रों और शिक्षकों का मानना है कि सुजीत की सोच पारंपरिक छात्र राजनीति से अलग है। वे नारेबाजी या टकराव की राजनीति नहीं करते, बल्कि तथ्य, संवाद और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास रखते हैं। यही वजह है कि उनके नेतृत्व में छात्रों की आवाज़ संसद की चौखट तक पहुंची है।
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