पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरूवार को अपने एक्स हैंडल के माध्यम से घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 125 यूनिट बिजली फ्री देने की घोषणा की है। यह निर्णय जुलाई महीने से ही लागू हो जाएगी। यानी जुलाई महीने के बिजली बिल में ही 125 यूनिट तक उपभोग के लिए उपभोक्ताओं को कोई पैसा नहीं देना होगा। सरकार के इस निर्णय से राज्य के करीब 1.5 करोड़ से अधिक परिवारों को लाभ होने की उम्मीद है।
राज्य के वैसे परिवार जिनकी बिजली खपत 125 यूनिट से कम है, उन्हें कोई पैसा नहीं देना होगा। जिससे उन्हें प्रति माह 750 से 1000 रुपये की बचत होगी। विशेषतः शहरी क्षेत्रों में जहां बिजली की दर सात रुपये से अधिक है। यह योजना खासतौर पर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले वैसे परिवार जिनकी बिजली की खपत सीमित है, वहां इस तरह की बचत से बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य एवं घर के अन्य जरूरी खर्चों में मददगार साबित होगी। इस योजना के लागू होने से आम लोगों को एक आर्थिक राहत के साथ बिहार में ऊर्जा के क्षेत्र में एक बेहतर परिवर्तन की शुरुआत भी होगी।
कुल 1 करोड़ 67 लाख परिवारों को होगा लाभ
मुख्यमंत्री ने लिखा कि हमलोग शुरू से ही सस्ती दरों पर सभी को बिजली उपलब्ध करा रहे हैं। अब हमने तय कर दिया है कि 1 अगस्त, 2025 से यानी जुलाई माह के बिल से ही राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली का कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा। इससे राज्य के कुल 1 करोड़ 67 लाख परिवारों को लाभ होगा। हमने यह भी तय किया है कि अगले तीन वर्षों में इन सभी घरेलू उपभोक्ताओं से सहमति लेकर उनके घर की छतों पर अथवा नजदीकी सार्वजनिक स्थल पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर लाभ दिया जाएगा।
कुटीर ज्योति योजना के तहत जो अत्यंत निर्धन परिवार होंगे उनके लिए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने हेतु पूरा खर्च राज्य सरकार करेगी तथा शेष के लिए भी सरकार उचित सहयोग करेगी। इससे घरेलू उपभोक्ताओं को अब बिजली का 125 यूनिट तक कोई खर्च नहीं लगेगा, साथ ही साथ राज्य में अगले तीन वर्षों में एक अनुमान के अनुसार 10,000 मेगावाट तक सौर ऊर्जा उपलब्ध हो जाएगी।
बिहार के बजट पर 3370 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार
चूंकि बिहार सरकार द्वारा अनुदान के रूप में बिहारवासियों को 16000 करोड़ रुपये दिए जा रहे थे। इस घोषणा के बाद सरकार द्वारा कुल 19370 करोड़ रुपया अनुदान के रूप में खर्च किया जाएगा। अर्थात् इस फैसले के बाद सरकार को अनुदान के रूप में अतिरिक्त 3370 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। हालांकि बिहार सरकार ने इस फैसले के साथ एक वैकल्पिक समाधान भी तय किया है। सरकार ने अगले तीन वर्षों में 10 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। साथ ही साथ ‘कुटीर ज्योति योजना’ के तहत पात्र गरीब परिवारों को निःशुल्क सोलर पैनल दिये जायेंगे, इससे वे खुद 300 यूनिट तक बिजली का उत्पादन कर सकेंगे।
वर्तमान में ‘कुटीर ज्योति योजना’ के तहत बिहार के करीब 58.89 लाख गरीब परिवार बिजली का लाभ ले रहे हैं। सरकार उपभोक्ताओं की सहमति लेकर उनके घरों की छत पर सोलर पैनल लगाएगी, ताकि बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़े और बजट से अनुदान का बोझ कम हो सके।
स्लैब सिस्टम लागू कर सकती है बिहार सरकार
मीडिया खबरों के अनुसार यह माना जा रहा है कि बिहार सरकार दिल्ली में लागू स्लैब सिस्टम को बिहार में भी लागू कर सकती है। दिल्ली की तर्ज पर, जिस तरह वहां 125 यूनिट बिजली मुफ्त है, इसके ऊपर बिजली खर्च के लिए अलग-अलग दरें तय की गई हैं। इससे अधिक यूनिट खर्च करने वाले उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ता है। परिणामस्वरूप सीमित उपभोग को बढ़ावा मिलता है।
बिहार में वर्तमान बिजली दरें
बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में ‘कुटीर ज्योति योजना’ के लाभुकों के लिए 1.97 रुपये प्रति यूनिट एवं ग्रामीण क्षेत्र में ही अन्य उपभोक्ताओं के लिए 2.52 प्रति यूनिट तथा शहरी क्षेत्रों में 7.57 रुपये प्रति यूनिट बिजली की दर तय है। शहरी क्षेत्रों में ही अनुदान के बाद 4.52 रुपये प्रति यूनिट की दर से उपभोक्ताओं द्वारा बिजली का उपभोग किया जा रहा है।
[…] […]