पटना : बिहार की राजनीति में मतदाता सूची अब सिर्फ प्रशासनिक दस्तावेज नहीं, बल्कि एक बड़ा सियासी हथियार बनती जा रही है। इसी को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज पटना स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा और चुनाव आयोग को एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर दिया है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के जरिए भाजपा जातिगत आधार पर मतदाताओं के नाम चुन-चुनकर हटवाना चाहती है, जो लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है।
1 प्रतिशत भी नाम हटे तो लाखों लोगों का नाम सूची से गायब
इस दौरान तेजस्वी ने कहा, “BJP और चुनाव आयोग मिलकर एक सुनियोजित साजिश के तहत लाखों मतदाताओं के नाम छाँटने की तैयारी में हैं, जिससे आने वाले चुनावों में भाजपा को लाभ मिल सके।” उन्होंने दावा किया कि अगर मतदाताओं के केवल 1 प्रतिशत नाम भी हटाए गए, तो बिहार के कुल 7 करोड़ 90 लाख मतदाताओं में से लगभग 7 लाख 90 हजार नाम सूची से गायब हो सकते हैं।
तेजस्वी ने आंकड़ों के सहारे यह बताने की कोशिश की कि इस छेड़छाड़ का सीधा असर किन विधानसभा क्षेत्रों और सीटों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा, “अगर इन 7 लाख 90 हजार मतदाताओं को 243 विधानसभा क्षेत्रों में बांटें, तो हर विधानसभा में औसतन 3251 वोट कटेंगे। और अगर प्रत्येक विधानसभा में 320 पोलिंग बूथ मानें, तो हर बूथ से सिर्फ 10 मतदाता हटाकर ही 3200 वोट कम किए जा सकते हैं।”
नाम कटौती से कम मार्जिन वाले सीटों पर हो सकता है नुकसान
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दो विधानसभा चुनावों के परिणामों पर गौर करें, तो 2015 में 15 सीटें ऐसी थीं जहाँ जीत-हार का अंतर 3000 से कम था, वहीं 2020 में यह संख्या बढ़कर 35 हो गई। यदि 5000 वोटों के अंतर वाली सीटें गिनें, तो 2015 में 32 और 2020 में 52 सीटों पर इतना ही मामूली अंतर था। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि BJP अब उन्हीं सीटों को टारगेट कर रही है, ताकि जाति और समुदाय के आधार पर बूथ-वार वोटर लिस्ट से नाम हटाए जा सकें।
BJP द्वारा “जातिगत घेराबंदी और लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश”
तेजस्वी ने BJP की इस रणनीति को “जातिगत घेराबंदी और लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश” बताया। उन्होंने कहा, “BJP अब जानती है कि चुनाव सीधे तौर पर नहीं जीते जा सकते, इसलिए ये रास्ते से लोकतंत्र को हटाने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन हम चुप नहीं बैठेंगे। हमारे कार्यकर्ता घर-घर जाकर इस साजिश का पर्दाफाश करेंगे।”
तेजस्वी ने यह भी स्पष्ट किया कि RJD आने वाले समय में इस मुद्दे को लेकर जनजागरण अभियान चलाएगी और चुनाव आयोग को भी जवाबदेह बनाने की मांग करेगी।
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