पटना : राजधानी पटना के व्यस्त मौर्या लोक इलाके की सबसे बड़ी परेशानी लंबे समय से पार्किंग और ट्रैफिक जाम रही है। अब पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड (Patna Smart City) की पहल से यहाँ मल्टीलेवल ऑटोमेटिक पार्किंग की शुरुआत ने हालात बदल दिए हैं। पूरी तरह मशीनीकृत इस पार्किंग ने लोगों की मुश्किल आसान कर दी है। गाड़ियों को अब सीधे ग्राउंड फ्लोर पर छोड़ना होता है और मशीन उन्हें ऊपरी फ्लोर पर पार्क कर देती है। नतीजतन बुद्ध मार्ग और मौर्या लोक परिसर के आसपास अव्यवस्थित खड़ी गाड़ियों से पैदा होने वाली भीड़भाड़ कम हुई है।

इस पार्किंग के दो हिस्से बनाए गए हैं। पार्ट A उन आगंतुकों के लिए है जो मौर्या लोक में खरीदारी करने, तारामंडल घूमने या आसपास के इलाकों में आने-जाने के लिए गाड़ियां लाते हैं। वहीं पार्ट B को खास तौर पर दफ्तरों और संस्थानों के वाहनों के लिए सुरक्षित रखा गया है। मौर्या लोक परिसर में पासपोर्ट ऑफिस, बैंक, नाबार्ड, हुडको समेत 39 प्रमुख दफ्तर और दुकानें हैं, जिनके कर्मचारियों और आगंतुकों के लिए अब अलग से पार्किंग स्लॉट मिल रहा है।
इस पूरी सुविधा की क्षमता 156 वाहनों की है, जिनमें से 96 गाड़ियां पार्ट A और 60 गाड़ियां पार्ट B में पार्क की जा सकती हैं। खास बात यह है कि दोनों ब्लॉक आपस में बुद्ध मार्ग पर बने फुटओवर ब्रिज से जुड़े हैं, जिससे लोगों का आना-जाना और आसान हो गया है। सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, सेंसर और एएनपीआर कैमरे लगाए गए हैं, ताकि हर गाड़ी का रिकॉर्ड सुरक्षित रहे।

पार्किंग का शुल्क भी आम लोगों को ध्यान में रखकर तय किया गया है—पहले एक घंटे के लिए 20 रुपये और उसके बाद हर अतिरिक्त घंटे के लिए 10 रुपये। भुगतान की सुविधा नकद के साथ-साथ UPI और डेबिट कार्ड से भी उपलब्ध है। यही कारण है कि लोग अब इस ऑटोमेटिक सिस्टम को तेजी से अपना रहे हैं।
पटना स्मार्ट सिटी के प्रबंध निदेशक अनिमेष कुमार पराशर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पार्किंग स्थल पर मौजूद कर्मी लोगों को इस आधुनिक व्यवस्था का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करें। उनका कहना है कि यह पहल सिर्फ ट्रैफिक को व्यवस्थित करने का उपाय नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा बढ़ाने और शहर को स्मार्ट बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।