पटना : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Revenue and Land Reforms Department) द्वारा हड़ताल पर गये सर्वे कर्मियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 10,775 कर्मचारियों का लॉगिन ब्लॉक कर दिया गया। इनमें 446 एएसओ, 656 कानूनगो, 8,759 अमीन और 914 लिपिक शामिल हैं। विभाग ने सभी हड़ताली कर्मियों को तत्काल अपने अंचल कार्यालय में सरकारी कागजात जमा करने का निर्देश दिया है।
विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी जिलों के अपर समाहर्ता (राजस्व) और बंदोबस्त अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर स्थिति की समीक्षा की। बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव ने कहा, “हड़ताल पर रहने वालों कर्मचारियों की अद्यतन (Updated) सूची तुरंत उपलब्ध कराई जाए। साथ ही यह भी आदेश दिया कि मंगलवार तक सभी हड़ताली कर्मियों को कारण पृच्छा (Show-cause) पत्र ईमेल के माध्यम से उन्हें प्राप्त करा दिया जाए।
विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि जो कर्मचारी हड़ताल से वापस नहीं लौटेंगे, उनके खिलाफ संविदा समाप्त करने की कार्रवाई बुधवार यानी 20 अगस्त, 2025 से शुरू कर दी जाएगी। वहीं, जिलों से सूची आने के बाद जो सर्वे कर्मी हड़ताल पर नहीं हैं, उनका लॉगिन फिर से सक्रिय कर दिया जाएगा। अपर मुख्य सचिव का कहना है कि यह सख्ती इसलिए की जा रही है ताकि राजस्व महा-अभियान जैसी जनहितकारी योजना प्रभावित न हो और रैयतों की समस्याओं का समय पर समाधान सुनिश्चित किया जा सके।
राजस्व महा-अभियान (Revenue Maha-Abhiyan) को पटरी पर रखने की कोशिश
बताते चले कि राजस्व विभाग (Revenue Department) इन दिनों 16 अगस्त से 20 सितंबर तक चल रहे राजस्व महा-अभियान पर काम कर रहा है। इस अभियान के तहत घर-घर जाकर जमाबंदी पंजी की प्रति और आवेदन प्रपत्र पहुंचाए जा रहे हैं। साथ ही पंचायत स्तर पर दो शिविर लगाकर नामांतरण, बंटवारा और छूटी हुई जमाबंदी से संबंधित आवेदन लिए जाने हैं। हड़ताल की वजह से अभियान प्रभावित न हो, इसके लिए विभाग ने अन्य विकल्पों पर काम शुरू कर दिया है।

वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में अन्य विभागों से मदद
राजस्व विभाग (Revenue Department) ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए ग्रामीण विकास विभाग, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग और पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों को इस अभियान से जोड़ा है। इसके अलावा अपर मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग और समाज कल्याण विभाग से भी सहयोग मांगा है।
शिक्षा विभाग के टोला सेवकों और तालीमी मरकज को वितरण और आवेदन प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। वहीं, समाज कल्याण विभाग की आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहयोगियों को भी जोड़ा जाएगा। विभाग का तर्क है कि आंगनबाड़ी सेविकाओं की गांव-गांव में गहरी पहचान है, जिससे वे जमाबंदी पंजी की प्रति आसानी से हर परिवार तक पहुंचा सकती हैं। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि आंगनबाड़ी सेविकाओं को वितरण दल के साथ जोड़कर बेहतर समन्वय सुनिश्चित करें।
अभियान पर नजर, हड़ताल से चुनौती
अधिकारियों का मानना है कि सर्वे कर्मियों की हड़ताल ने अभियान को चुनौती जरूर दी है, लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था से इसे प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। विभाग का कहना है कि रैयतों को राहत पहुंचाना ही प्राथमिकता है, इसलिए किसी भी हाल में घर-घर दस्तावेज पहुंचाने और शिविरों में आवेदन लेने की प्रक्रिया तय समय पर पूरी होगी।