पटना: “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को एक अर्णे मार्ग में घेर देंगे। उनको छोड़ेंगे नहीं।” ये कहना है जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) का। दरअसल, बुधवार को पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत प्रशांत (Prashant Kishor) अपने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ बिहार विधानसभा का घेराव करने निकले थे। जन सुराज के कार्यकर्ता जैसे ही चितकोहरा गोलंबर के पास पहुंचे, पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान दोनों ओर से धक्का-मुक्की हुई।
जन सुराज (Jan Suraj) का कहना है कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया है, जिसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए। इसपर प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वो पुलिस कर्मियों से कहते दिख रहे हैं, “जनता पर लाठी चलाओगे। आओ, हमपर जलाओ लाठी। है हिम्मत तो चलाओ लाठी।”

जन सुराज के पांच सीनियर नेताओं की मुख्य सचिव से हुई वार्ता
एक तरफ जन सुराज के कार्यकर्ता प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के साथ पटना की सड़क पर संघर्ष कर रहे थे। वहीं, दूसरी तरफ जन सुराज के पांच सदस्यीय डेलिगेशन ने अपनी मांगों को लेकर राज्य के मुख्य सचिव से वार्ता की। इसकी जानकारी देते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि मुख्य सचिव के साथ जन सुराज के पांच सीनियर नेताओं की बात हुई है।
नीतीश सरकार को दिया सात दिन का अल्टिमेटम
उन्होंने (Prashant Kishor) कहा, “हमलोग की मांग थी कि सात दिन के अंदर मुख्यमंत्री के संज्ञान में हमारी बातें लाई जाए और उसपर एक सकारात्मक जवाब वो (CM Nitish Kumar) दें। मुख्य सचिव ने सरकार की ओर से हमलोग के डेलिगेशन को आश्वस्त किया है कि सात दिन के अंदर इन मांगों पर सरकार का जवाब दिया जाएगा।”

एक अर्णे मार्ग घेराव की तैयारी में जन सुराज
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि हमलोग सात दिनों तक उनके जवाब का इंतजार करेंगे। सात दिन के बाद वो बात अगर नहीं मानी जाती है तो अगला कदम (तल्ख लहजे में) – “मुख्यमंत्री को एक अर्णे मार्ग में घेर देंगे। उनको छोड़ेंगे नहीं। हमलोग डरने वाले नहीं है।”

क्या है जन सुराज की मांग, जिसको लेकर विधानसभा घेराव की थी तैयारी?
- नीतीश सरकार की घोषणा के बावजूद गरीब परिवारों को रोजगार के लिए 2 लाख रुपये क्यों नहीं मिले?
- दलित भूमिहीन परिवारों को 3 डिसमिल जमीन क्यों नहीं दी गई?
- भूमि सर्वेक्षण में भ्रष्टाचार पर चर्चा क्यों नहीं हो रही है?
बता दें कि प्रशांत किशोर (PK) ने पहले ही ऐलान किया था कि इन तीन मुद्दों पर एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर के साथ मानसून सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा। इसी योजना के तहत पटना में बड़ी संख्या में राज्य भर से जन सुराज के समर्थक जुटे थे और प्रशांत किशोर की अगुवाई में विधानसभा घेरने निकले थे।

नीतीश सरकार को प्रशांत किशोर की चेतावनी
मुख्य सचिव से वार्ता के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने चेतावनी देते हुए कहा, “सात दिन के अंदर अगर नीतीश सरकार ने, जो अभी मुख्य सचिव ने उनके बिहाफ में कहा है, यदि इसपर उन्होंने सकारात्मक कार्रवाई नहीं की तो 94 लाख लोग, जिनको दो लाख रुपए देने का वादा किया है, उसपर जवाब नहीं दिया? जो दलितों को तीन डिसमिल जमीन मिलनी थी, उसपर कार्रवाई नहीं हुई? जो भ्रष्टाचार हो रहा है जमीन दाखिल खारिज के नाम पर? जो अपराध हो रहा है? उसपर अगर उन्होंने जवाब नहीं दिया तो सात दिन के बाद जन सुराज वो दिन घोषित करेगा, जिस दिन हमलोग एक अर्णे मार्ग में मुख्यमंत्री को घेर देंगे। धरना देकर उन्हीं को घर में घेर देंगे।”
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