Lord’s Test: लॉर्ड्स के ऐतिहासिक क्रिकेट मैदान पर टेस्ट मैच के पांचवें दिन का आखिरी सत्र जारी था। गेंद टीम इंडिया के टेल बल्लेबाज मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) के बल्ले से लगकर सामने की तरफ पिच पर गिरी तो भारतीय ड्रेसिंग रूम ने राहत की सांस ली। तभी गेंद ने पिच से कांटा बदला और मिडिल-लेग स्टंप की गिल्ली जमीं पर आ गई। इसके अगले ही पल में चोटिल इंग्लिश गेंदबाज शोएब बशीर अपनी टूटी हुई उंगली हवा में लहराते हुए मैदान पर भागते दिखें। पूरी टीम उनके पीछे दौड़ी। यह टेस्ट के उस रोमांच की जीत थी, जो शारीरिक और मानसिक थकान के बाद शुकून लेकर आती है।
भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया तेंदुलकर-एंडरसन सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच आख़िरी घंटे तक सांसें रोक देने वाला रहा। एक तरफ इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स, जोफ़्रा आर्चर व शोएब बशीर मैदान पर एक थके हुए योद्धा की तरह लड़ते दिखे, तो दूसरी ओर रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) भारत की आख़िरी उम्मीद बनकर अंत तक खड़े रहे। जीत बहुत क़रीब थी, लेकिन भारत यह मैच महज़ 22 रन से हार गया। कई छोटे-मोटे कारण इस बड़ी हार की वजह बने, जिनपर तमाम बातें हो रही हैं। खैर…
मैच के पांचवें दिन की चौथी पारी में जब बाकी भारतीय बल्लेबाज़ हताश होकर वापस लौट रहे थे, तब रविंद्र जडेजा एक छोर पर डटे रहे। एकदम शांत और संयमित, कंधों पर ज़िम्मेदारी और दिल में जीत की उम्मीद लिए। उन्होंने लगातार चौथी टेस्ट पारी में अर्धशतक लगाया, लेकिन ‘तलवारबाज़ी’ नहीं की। उन्हें पता था कि काम अभी अधूरा है।
जडेजा ने बुमराह व सिराज के साथ की अहम साझेदारी
जडेजा (Ravindra Jadeja) ने एक छोर से 181 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 61 रन बनाए, जबकि दूसरे छोर पर पहले जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) और फिर मोहम्मद सिराज (Siraj) उनके साथ खेल रहे थे। बुमराह (5) के साथ उनकी 132 गेंदों में 35 रन की साझेदारी ने भारत को मैच में बनाए रखा। इसके बाद सिराज (4) के साथ अभी 23 रन ही जोड़े थें कि शोएब की गेंद सिराज के बल्ले को चुमती हुई स्टंप्स से जा टकराई। सिराज पहले स्टंप्स को निहारे, फिर जडेजा की तरफ हताश नजरों से देखा और वहीं पिच पर घुटनों के बल बैठ गए, जैसे किसी ने उनकी सांसें छीन ली हों।

जब जीत का फासला महज़ 22 रनों का हो और लगने लगे कि चमत्कार हो सकता है, तभी मैदान पर जो हुआ वो किसी फिल्म के क्लाइमेक्स से कम नहीं था। जडेजा (Ravindra Jadeja) जब नाबाद ड्रेसिंग रूम की तरफ लौट रहे थे तो उनके चेहरे पर एक खालीपन था, जो मानों सारी व्यथा बयां कर रहा हो। सच में, जडेजा ने इस मैच में वो सब किया, जो जीत के लिए जरूरी था, पर दहलीज़ तक आकर हार नसीब हुई।
पहले ही घंटे में ही भारत ने गवाएं तीन विकेट
लॉर्ड्स टेस्ट के चौथे दिन का खेल खत्म होने पर भारत की दूसरी पारी केएल राहुल के नाबाद 33 रनों की मदद से 58/4 था। मैच के आखिरी दिन टीम के पास 6 विकेट शेष थे और जीत के लिए 135 रन बनाने थे। यह लक्ष्य देखने में भले ही आसान लग रहा था, लेकिन इंग्लिश गेंदबाजी ने इसे मुश्किल बना दिया। आख़िरी दिन के पहले ही घंटे में ही भारत ने ऋषभ पंत (9), राहुल (39) और वॉशिंगटन सुंदर (0) के 3 अहम विकेट गंवा दिए। अब भारत का स्कोर 74/7 था।
आखिरी दिन लंच से पहले ही मैच हार गया था भारत
आर्चर की रफ़्तार और कप्तान स्टोक्स की सीम मूवमेंट ने भारतीय बल्लेबाज़ों की खूब परीक्षा ली। युवा बल्लेबाज़ नीतीश रेड्डी (13) इंग्लिश स्लेजिंग व दबाव में बिखर गए और लंच से ठीक पहले भारत का स्कोर 112/8 हो गया। लॉर्ड्स की ऐतिहासिक पिच पर भारतीय बल्लेबाजी का इस तरह ढहना उस कहानी की शुरुआत थी, जिसे अब एक हार के रूप में याद किया जाएगा।
शीर्षक्रम व मध्यक्रम बिखरा, पर टेल के साथ जम गए जडेजा
भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने मैच के बाद साफ़ कहा, “हमें शीर्ष क्रम से दो मज़बूत साझेदारियों की ज़रूरत थी, लेकिन हम ऐसा नहीं कर पाए।” उनकी बात में सच्चाई थी, क्योंकि जब शीर्ष क्रम लड़खड़ाता है, तो मध्यक्रम पर दबाव बढ़ता है, लेकिन इस बार मध्यक्रम भी बिखर गया। वो तो जडेजा थे जो टेल (पहले बुमराह और फिर सिराज) के साथ हमेशा की तरह एक छोर पर डट गए और इंग्लैंड के गेंदबाजों को हर तरह से थकाते रहे।

जडेजा की बैटिंग से इंग्लिश खिलाड़ियों पर भी बढ़ रहा था दबाव
एक-एक सिंगल लेकर जैसे-जैसे जडेजा (Ravindra Jadeja) लक्ष्य के क़रीब पहुंच रहे थे, इंग्लिश खिलाड़ियों पर भी दबाव बढ़ रहा था। उन्हें पता था कि चंद ओवर (5.1) बाद जब नई गेंद खेल में आएगी तो जीत व भारत के बीच का फासला दो-चार बड़े शॉट भर रह जाएगा। क्योंकि पुरानी गेंद पर बड़े शॉट खेलना मुश्किल हो रहा था और इंग्लिश कप्तान ने जडेजा के लिए फिल्ड फैला रखीं थी। तभी तो स्लिप में खड़े हैरी ब्रुक लगातार जडेजा पर तंज कस रहे थे, “ये आईपीएल नहीं है, जड्डू को सारे रन ख़ुद ही बनाने हैं।”
इस दौरान जडेजा शांत रहकर हालात से नेगोसिएट करते रहें, लेकर दूसरे छोर पर खड़े सिराज को इंग्लिश गेंदबाजों ने अपने जाल में फंसा लिया। टीम इंडिया भले ही यह मैच हार गई हो, लेकिन बुमराह, सिराज का संघर्ष और रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) की यह नाबाद पारी क्रिकेट प्रेमियों के दिल में दर्ज हो गई है।
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लेखक : सागर सिंह, वर्तमान में ये पत्रकारिता क्षेत्र से जुड़े हैं। देश के कई बड़े मीडिया संस्थानों में काम करने का अनुभव हैं।