पटना : बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम (बुडको) द्वारा राज्य के 21 जिलों में बन रहे नए विद्युत शवदाह गृहों का कार्य अगस्त 2025 तक पूरा हो जाएगा, जिससे आम नागरिकों को स्वच्छ, तेज और पर्यावरण-अनुकूल अंतिम संस्कार सुविधा मिलने लगेगी। यह निर्माण कार्य इसलिए हो रहा है क्योंकि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि परंपरागत तरीकों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जाए और अंतिम संस्कार से जुड़ी मूलभूत सुविधाएं शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों तक पहुँचें।

आधुनिकता की ओर एक जरूरी कदम
बिहार सरकार ने शहरी जीवन को बेहतर और पर्यावरण-संवेदनशील बनाने की दिशा में कई योजनाएं चलाई हैं, और विद्युत शवदाह गृहों का निर्माण इसी कड़ी का हिस्सा है। पारंपरिक चिता पद्धति की तुलना में ये अत्याधुनिक शवदाह गृह न केवल संसाधनों की बचत करेंगे, बल्कि प्रदूषण नियंत्रण में भी मददगार होंगे। साथ ही यह सुविधा अंतिम संस्कार के दौरान लगने वाले समय, प्रयास और खर्च को भी काफी हद तक कम करेगी।
कहां-कहां हो रहा निर्माण?
बुडको द्वारा जिन 21 शवदाह गृहों का निर्माण अंतिम चरण में है, उनमें से 13 उत्तर बिहार और 8 दक्षिण बिहार के जिलों में हैं। उत्तर बिहार में दरभंगा, बेगूसराय, सिवान, कटिहार, सहरसा, खगड़िया, समस्तीपुर जैसे जिले शामिल हैं, वहीं दक्षिण बिहार में भागलपुर, नालंदा, जहानाबाद, गया और रोहतास जैसे जिले प्रमुख हैं। सभी स्थानों पर स्थानीय आबादी के दबाव, नगर निकाय की जरूरतों और पर्यावरणीय मानकों के आधार पर शवदाह गृहों की डिज़ाइन तैयार की गई है।

पटना में बन रहा है राज्य का सबसे आधुनिक यूनिट
राजधानी पटना में बांस घाट के पास बन रहा 89.40 करोड़ की लागत वाला विद्युत शवदाह गृह पूरे राज्य के लिए एक मॉडल यूनिट के रूप में देखा जा रहा है। इसमें विद्युत आधारित प्रणाली के साथ-साथ पारंपरिक चिता के लिए भी सुविधाएं होंगी, जिससे यह हर वर्ग के लिए उपयोगी रहेगा। इस यूनिट का निर्माण भी अपने अंतिम चरण में है और इसे अगस्त तक शुरू किया जाना प्रस्तावित है।
मॉनिटरिंग और कार्य की रफ्तार
बुडको के प्रबंध निदेशक अनिमेष कुमार पराशर खुद इस परियोजना की निगरानी कर रहे हैं। साथ ही, सभी ज़िला पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे निर्माण की दैनिक प्रगति रिपोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से साझा करें। इससे न केवल कार्य में पारदर्शिता बनी रहती है, बल्कि समयबद्ध ढंग से काम पूरा करने में भी मदद मिलती है।
कुल लक्ष्य और भविष्य की योजना
बुडको द्वारा राज्य में कुल 40 विद्युत शवदाह गृह बनाए जा रहे हैं, जिनमें से यह पहले 21 यूनिट अगस्त तक आम लोगों के लिए चालू कर दिए जाएंगे। बाकी यूनिटों का कार्य भी चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है। यह योजना न केवल अंतिम संस्कार व्यवस्था को व्यवस्थित करेगी, बल्कि बिहार को हरित और आधुनिक राज्य बनाने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगी।
[…] […]