पटना : पटना नगर निगम (PMC) की नौवीं साधारण बैठक शुक्रवार को उस वक्त हंगामे में तब्दील हो गई, जब शुरुआत से ही पार्षदों के बीच तीखी बहस और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। महापौर सीता साहू की अध्यक्षता में होटल पनाश में बुलाई गई इस बैठक में जैसे ही पिछली कार्यवाही पर सवाल उठा, सभाकक्ष में शोरगुल, नारेबाज़ी और तीखी झड़प का सिलसिला शुरू हो गया। विरोध और तनाव का आलम ऐसा रहा कि नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर बैठक अधूरी छोड़कर चले गए, और कुछ ही देर बाद विपक्षी पार्षदों ने भी बैठक का बहिष्कार कर दिया।
‘मैं चुप नहीं रहूंगा’— नगर आयुक्त का तीखा जवाब, फिर बैठक से उठकर चले गए बाहर
पिछली बैठक की प्रोसिडिंग में छेड़छाड़ का मुद्दा सामने आते ही विपक्षी पार्षद भड़क उठे। इस पर जब नगर आयुक्त ने सफाई दी और कहा कि वह एजेंडा में शामिल नहीं है, तो महापौर ने उन्हें चुप रहने को कहा। जवाब में आयुक्त बोले— “नहीं मैडम, आपके कहने से मैं चुप नहीं रहूंगा। मैं गैरकानूनी कार्य नहीं होने दूंगा और किसी एजेंसी को नगर निगम से बड़ा नहीं बनने दूंगा।” इसके बाद उन्होंने एक प्रस्तावित एजेंसी को लेकर आपत्ति जताई और बैठक बीच में ही छोड़कर चले गए।
पार्षदों ने उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन वे लौटे नहीं। इस स्थिति ने पार्षदों की नाराजगी और बढ़ा दी। पार्षदों ने इस व्यवहार को सदन का अपमान बताते हुए नगर आयुक्त के रवैये पर विरोध जताया।

विपक्षी पार्षदों ने छोड़ी PMC की बैठक, गलियारे में हाथापाई जैसे हालात
नगर आयुक्त के जाने के बाद विपक्ष के कई प्रमुख पार्षद— इंद्रदीप चंद्रवंशी, आशीष रंजन सिन्हा, विनय पप्पू, जीत कुमार, राहुल कुमार, पिंकी, और श्वेता रंजन ने बैठक का बहिष्कार किया और बाहर निकल गए। लेकिन सभागार के गलियारे में जैसे ही सत्ता और विपक्ष के पार्षद आमने-सामने आए, माहौल और तनावपूर्ण हो गया। आरोप-प्रत्यारोप का दौर इतना तीखा हो गया कि हाथापाई की नौबत आ गई।
इंद्रदीप चंद्रवंशी ने कहा, “अगर सत्ता पक्ष के पास संख्या बल है, तो वो जो चाहे कर लें, लेकिन हम असंवैधानिक काम को चुपचाप नहीं देख सकते।” वहीं अन्य विपक्षी पार्षदों ने भी बैठक को एकतरफा बताते हुए नाराजगी जताई।

एजेंडे पास हुए, लेकिन ज़मीनी काम ठप— पार्षदों की नाराजगी
हालांकि हंगामे के बाद बैठक आगे बढ़ी और महापौर ने बचे हुए सदस्यों की मौजूदगी में 12 एजेंडों पर मुहर लगाई। जिनमें शहर के कई वार्डों में वाटर एटीएम, आरसीसी नाला निर्माण, पीसीसी सड़क, बहुद्देशीय भवन और ट्यूबवेल लगाने जैसे विकास कार्य शामिल थे। लेकिन कई पार्षदों ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कागज़ों पर फैसले होते हैं, ज़मीन पर कुछ नहीं होता।
वार्ड तीन की पार्षद ने बिना पाइप बिछाए एजेंसी को भुगतान किए जाने का गंभीर आरोप लगाया, जिस पर बोर्ड ने जांच का आदेश दिया। वहीं वार्ड 7 के पार्षद अमर कुमार ने शिकायत की कि उनके क्षेत्र में महीनों से कचरा गाड़ी नहीं आ रही। पार्षदों ने कहा— “हर बैठक में एजेंडा पास होता है, लेकिन नतीजा शून्य ही रहता है।”

अफसरशाही बनाम जनप्रतिनिधि: पटना नगर निगम में टकराव का दौर
नगर निगम (PMC) की इस बैठक ने एक बार फिर ये उजागर कर दिया कि स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय की बड़ी कमी है। पार्षदों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अफसरशाही हावी है और पार्षदों की आवाज़ को अनसुना किया जा रहा है।
पार्षद कुमार संजीत ने कहा, “महापौर मौजूद रहीं, लेकिन नगर आयुक्त सदन छोड़कर चले गए— ये इस सदन का अपमान है। हम इस रवैये के खिलाफ धरना देंगे।”
वहीं मनोज कुमार, सतीश गुप्ता, असफर अहमद और श्वेता राय जैसे कई अन्य सदस्यों ने भी तीखे स्वर में अपनी बात रखी और जनहित के मुद्दों की अनदेखी पर आपत्ति जताई।
वाह वाह नेताजी कमाल कर दिया कुर्ता फाड़ के रुमाल कर दीये
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