पटना। आखिरकार कयासों पर विराम लग ही गया। बिहार के चर्चित यूट्यूबर और तेज़-तर्रार राजनीतिक चेहरा बन चुके मनीष कश्यप ने सोमवार को औपचारिक रूप से PK की जन सुराज पार्टी का दामन थाम लिया। राजधानी पटना के बापू भवन में आयोजित डिजिटल योद्धा समागम के मंच पर प्रशांत किशोर ने खुद मनीष कश्यप का स्वागत किया। इसी के साथ यह तय हो गया कि मनीष अब जन सुराज की सियासी यात्रा पर निकल पड़े हैं।
महीने भर से चल रही अटकलें खत्म
पिछले करीब एक महीने से सियासी गलियारों में यह सवाल तैर रहा था कि बीजेपी छोड़ने के बाद मनीष कश्यप किस दिशा में बढ़ेंगे। सोशल मीडिया पर उनके पीले गमछे ने भी खूब हलचल मचाई थी। अब साफ हो गया है कि पीले रंग का झुकाव इत्तेफाक नहीं, बल्कि संकेत था — जन सुराज में शामिल होने का।

मंच से मिले संकेत, संविधान की प्रति से शुरू हुई कहानी
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही मनीष कश्यप ने जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (PK) से मुलाकात कर संविधान की प्रति भेंट की थी। उसी दिन से चर्चाओं का बाजार और गर्म हो गया था। अब औपचारिक एलान के साथ इन कयासों पर फुलस्टॉप लग गया है।
बीजेपी से नाता तोड़ा, अब नई राह पर
याद दिला दें, मनीष कश्यप ने 8 जून को फेसबुक लाइव आकर भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि अब वह बीजेपी के सक्रिय सदस्य नहीं हैं। मनीष कश्यप पिछले साल ही लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे, लेकिन लंबे समय तक वह बीजेपी में टिके नहीं। बीजेपी छोड़ने के बाद से ही उनका अगला कदम चर्चा का विषय बना रहा।
सोशल मीडिया पर दिया इशारा, अब मंच से पक्की मुहर
बीती रात मनीष कश्यप ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर प्रशांत किशोर (PK) और जन सुराज के अध्यक्ष उदय सिंह के साथ अपनी तस्वीरें पोस्ट कीं। हालांकि उन्होंने तब कोई सीधा एलान नहीं किया, लेकिन तस्वीरों ने ही सब कुछ बयां कर दिया था। अब बापू भवन के मंच से खुद पीके ने मनीष को जन सुराज की टीम में शामिल कर, सियासी हलकों में चल रही सभी चर्चाओं को खत्म कर दिया।

PK का संदेश- बदलाव की चाहत रखने वाले आएं साथ
मंच से प्रशांत किशोर (PK) ने कहा कि बिहार में व्यवस्था परिवर्तन की सच्ची चाहत रखने वाले सभी लोगों का स्वागत है। उन्होंने मनीष कश्यप को ‘डिजिटल योद्धा’ बताते हुए कहा कि मनीष जैसे युवा, जो जनता की आवाज़ बुलंद करते हैं, वे जन सुराज के मकसद को मज़बूती देंगे।
मनीष कश्यप की सियासी पारी में नया मोड़ आ चुका है। अब देखना दिलचस्प होगा कि डिजिटल की दुनिया में चर्चित चेहरा, ज़मीन की राजनीति में कितना असर डाल पाता है। फिलहाल इतना तय है कि बिहार की राजनीति में पीला रंग और जन सुराज की चर्चा अब और तेज़ होने वाली है।
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