बक्सर: जिले के रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन (Raghunathpur Railway Station) पर बुधवार को हुए एक हादसे में मां-बेटी की मौत हो गई। बताया जाता है कि महिला अपने दो साल की बेटी के साथ गंगा स्नान करने बक्सर आई थी। बक्सर रेलवे स्टेशन से 63234 डाउन पैसेंजर ट्रेन से रघुनाथपुर स्टेशन (RPR) पहुंची थी, जहां उतरते समय संतुलन बिगड़ गया और दोनों प्लेटफॉर्म व ट्रेन के बीच पटरी पर गिर गईं। इसी दौरान ट्रेन चल पड़ी और मां-बेटी की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतक महिला की पहचान रोहतास जिले के दावथ थाना क्षेत्र के बरुहा गांव की रहने वाली प्रियंका देवी (25) के रूप में हुई है, जिसकी गोद में उसकी दो साल की बेटी भी थी। वह भी इस हादसे की शिकार हो गई। घटना के वक्त प्रियंका देवी की गोतिनी भी उनके साथ थी। उधर, हादसे के बाद परिवार में कोहराम मच गया। घटना के संबंध में रेल प्रशासन (Railway) ने यात्रियों से अपील की है कि ट्रेन से उतरते-चढ़ते समय सावधानी बरतें और जल्दबाजी न करें।
रेलवे पर यात्रियों की सुरक्षा में लापरवाही बरतने का आरोप
घटना के बाद से स्थानीय यात्रियों में खासा आक्रोश है। समाजसेवी विक्रांत कुमार सिंह (बिक्की सिंह) ने कहा कि रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन (RPR) को कल भले ही अत्याधुनिक स्टेशन (Modern Railway Station) बना दें, लेकिन आज की समस्याएं लोगों की जान ले रही हैं। यहां पर चार प्लेटफार्म हैं और चारों की ऊंचाई बहुत कम है, जिसके कारण यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने-उतरने में काफी दिक़्क़त होता है। ख़ास तौर पर महिला, बुजुर्ग और बच्चों को खासा कठिनाई का सामना करना पड़ता है। समय रहते इस समस्या को दूर किया जाना चाहिए, ताकि कोई भी यात्री हताहत न हो।
रेल लाइन क्रास कर 04 नंबर प्लेटफार्म पर जाते हैं लोग
विक्रांत सिंह ने आगे कहा कि दो और तीन नंबर प्लेटफार्म से चार नंबर प्लेटफार्म पर जाने के लिए कोई फूट ओवर ब्रिज नहीं है, जिसके कारण रेल यात्रियों को चार नंबर प्लेटफार्म पर जाने के लिए लाइन क्रास करना पड़ता है। यह काफी जोखिम भरा रहता है, जो आए दिन इस तरह के हादसे को दावत देता है। एक नंबर से दो नंबर प्लेटफार्म पर जाने वाली फूट ओवर ब्रिज भी काफी जर्जर है, जिसे दुरुस्त किया जाना चाहिए।
सावन माह में लाखों की संख्या में आते हैं भक्त
ग़ौरतलब है कि सावन का महीना शुरू होने वाला है, जिसे लेकर रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन (Raghunathpur Railway Station) पर यात्रियों की भीड़ बढ़ने वाली है। दरअसल, सावन माह में ब्रह्मपुर के प्रसिद्ध बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर में दर्शन करने व जल चढ़ाने लाखों की संख्या में भक्त आते हैं। ऐसे में रेल प्रशासन अगर समय रहते कुछ नहीं करता तो आगे और भी बड़े हादसे हो सकते हैं।
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