तेहरान। पश्चिम एशिया में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। इजराइल और अमेरिका ने ईरान के खिलाफ अब खुली कार्रवाई शुरू कर दी है। बीते रविवार देर रात इजराइली एयरफोर्स ने ईरान की मिसाइल फैक्ट्री पर जोरदार हमला किया। इस हमले में मिसाइल इंजन बनाने वाली कई मशीनें और महत्वपूर्ण उपकरण पूरी तरह तबाह कर दिए गए हैं। इसके साथ ही तेहरान, केरमांशाह और हमादान में भी इजराइल ने एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया। इन हमलों के बाद पूरे इलाके में अफरातफरी का माहौल है।

इजराइल की ओर से किए गए इन हमलों को लेकर अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं आया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मीडिया और खुफिया एजेंसियों ने इनकी पुष्टि कर दी है। वहीं ईरान की सरकार ने इसे ‘सीधा युद्ध’ बताते हुए गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। ईरानी मीडिया ने दावा किया है कि इस हमले में कई अहम वैज्ञानिक ठिकानों को नुकसान पहुंचा है, जिससे देश की सुरक्षा प्रणाली कमजोर पड़ सकती है।
अमेरिका ने ईरान पर फिर गिराए बम, परमाणु ठिकानों को बनाया निशाना
उधर, अमेरिका ने भी ईरान पर एक के बाद एक सैन्य कार्रवाई जारी रखी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते शनिवार को अमेरिका ने ईरान के तीन बड़े परमाणु ठिकानों पर हमला किया। इन ठिकानों में फोर्डो, नतांज और इस्फहान शामिल हैं। इस सैन्य ऑपरेशन में अमेरिका ने अपने सबसे घातक 7 B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया, जिनसे कुल 13,608 किलो वजनी ‘बंकर बस्टर’ बम गिराए गए। ये बम इतने शक्तिशाली हैं कि जमीन के भीतर बने किलेबंद परमाणु ठिकानों को भी आसानी से तबाह कर सकते हैं।

अमेरिकी रक्षा विभाग ने इस ऑपरेशन को ‘सफल और रणनीतिक’ करार दिया है। हालांकि, ईरान ने अमेरिका के इन हमलों की निंदा करते हुए इसे अपनी संप्रभुता पर हमला बताया है और पलटवार की चेतावनी दी है।
ट्रम्प की तीखी टिप्पणी, तख्तापलट का समर्थन
इस पूरे घटनाक्रम के बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर विवादित बयान देकर हलचल मचा दी है। ट्रम्प ने ईरान में तख्तापलट की खुली पैरवी करते हुए कहा है कि, “मेक ईरान ग्रेट अगेन”। ट्रम्प के इस बयान को लेकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई बहस छिड़ गई है। जानकारों का मानना है कि ट्रम्प के इस बयान से ईरान में चल रही अंदरूनी अस्थिरता और गहराएगी।
भारी जान-माल का नुकसान, आंकड़ों में फर्क
अमेरिकी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान में 13 जून से अब तक कुल 657 लोगों की मौत हो चुकी है और 2,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इनमें अधिकतर लोग सैन्य ठिकानों और मिसाइल फैक्ट्री पर हुए हमलों के दौरान मारे गए। हालांकि, ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन आंकड़ों को खारिज करते हुए कहा है कि अब तक केवल 430 नागरिकों की मौत हुई है, जबकि 3,500 लोग घायल हुए हैं।

दूसरी ओर, इजराइल भी इन हमलों की चपेट में आया है। वहां अब तक 24 लोगों की मौत और 900 से ज्यादा लोगों के घायल होने की पुष्टि की गई है। इजराइल ने ईरान समर्थित मिलिशिया और गाजा से हो रहे हमलों को इसका कारण बताया है।
तनाव के साए में पूरा पश्चिम एशिया
ईरान और इजराइल के बीच चल रहे इस संघर्ष ने पूरे पश्चिम एशिया को युद्ध के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है। अमेरिका की सीधी सैन्य कार्रवाई और ट्रम्प जैसे नेताओं के भड़काऊ बयानों से हालात और बिगड़ सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह स्थिति नहीं संभली तो यह संघर्ष जल्द ही बड़े क्षेत्रीय युद्ध में बदल सकता है, जिसका असर वैश्विक स्तर पर भी देखने को मिलेगा।
Photo सोर्स: IDF द्वारा X पर जारी वीडियो से स्क्रीनशॉट, Atlantic Ocean and NBC News
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